राम मंदिर हमें बनाना है```हिंदुत्व अपना हमें बचाना हैं``
पर क्यों सोचें हम अपने देश की````सोचेंगे तो हम अपने धर्म विशेष की```
जिस देश में भुखमरी आज भी छाई है```बेरोज़गारी ने शरण जिस देश में पाई है````
किसान जहाँ का भूखो मरता हैं````फांसी पे लटक आत्महत्या जहाँ करता है```
नारी एक जहाँ पूजी जाती है```फिर भी इज़्ज़त अपना जहाँ बचा नहीं पाती है```
उस देश में राम मंदिर तो हम बनाएंगे```पर राम के आदर्शो को नहीं हम बचाएंगे```
राम मंदिर तो सहजता से बन जायेगा```पर क्या उस मंदिर में रामलला भला रह पायेगा```
राम मंदिर बनने से क्या राम राज्य आ जायेगा``` या राम मंदिर का अस्तित्व-अस्तित्व राम का बचा पायेगा```
खून आंसू से बने उस मंदिर को देख राम भी घबरायेंगें```निज घर त्याग पुनः -पुनः स्वेच्छा से वन को ही जायेंगें```
तो राम मंदिर से पहले, राम को हमें लाना है````मन में अपने राम बसा उसे ही अवध हमें बनाना है````
जन-जन का मन, जब राम का मंदिर बन जायेगा````तभी धरा पर राम राज्य स्थापित हो पायेगा```
श्री राम जी की बस यही पुकार``मंदिर को नहीं राम को बचा लो अबकी बार```
यही सन्देश दे कलम पर विराम लगाए अनिकेत कुमार`````
मत करो राम के आदर्शो का संघार```मत होने दो राम जी की हार```
राम जी को बचा लो अबकी बार````श्री राम जी को बचा लो अबकी बार```
श्री राम जी को बचा लो अबकी बार```