Aniket Kumar Gupta {Bhaarat} Kanpur

~*~ Love Poems /Sayaries ~*~

एक बार मोहब्बत कर बैठें थें Read more
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एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

अपना सुख चैन नींद सब कुछ हम गवा बैठें थें``` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

हर गली हर मोड़ पर दिल उन्ही को ढूंडा करता था```

हर घडी हर पल दिल उन्ही कें लिए बेचैन बेकाबू बेकरार रहता था````

आँखों से उनके रूप का ज़िक्र```कानो से आवाज़ की तारीफ़ वो करता था```

एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

अपना प्यार भरा दिल उन्ही कें नाम कर बैठे थे``` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

जब पहली बार उनका हमने दीदार किया था```शायद तभी से उनसे हमने प्यार किया था``

प्यार में उनको हमने अपना माना```सब को भुला सिर्फ़ उन्ही को अपना जाना```

पर उन्होंने न तो हमे और न ही हमारे प्यार को पहचाना```

एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ``` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

दिल पर अपने एक मीठा ज़ख़्म लगा बैठें थे`` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

जो कभी सपनो में आती थी ``` जो कभी नींदें चुराती थी````

बहुत कुछ तो नहीं ``पर कुछ तो कहना ही था उनसे``

पर कुछ भी कहने में उनसे जीभ बेचारी हिचकिचाती, शर्माती, घबराती और कतराती थी```

एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

सपनो में खुद को उन्ही का बना बैठे थे``` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

अब वो तो नहीं पर उनकी वो यादें```याद आतीं है```

वो दिलकश मुलाकातें``प्यार भरी वो सौगातें याद आतीं है```

वो यादें हमारी रात की नींद और दिन  का चैन चुराती है```

कभी तो वो यादें हमें तडपाती हैं`` कभी हंसाती है``

तो कभी बेचैन बेकरार कर के हमें रुलाती है````

अब वो तो नहीं पर उनकी वो यादें```याद आतीं है```

एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ``` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

उनके लिए खुद को भुला बैठे थे ``` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

अब तो बस यही सोचते हैं हम ```

वो हमारें ना हुए तो इसका नहीं है हमें कोई भी गम``

हाँ पर ख़ुशी है इस बात की``की  हम तो उनके  हो चुके कम से कम```

एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ``` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

उनके लिए खुद को रुसवा कर बैठें थे`` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

खुद के लिये खुदा से मांग कर उन्हें`` उन्हें नहीं करेंगे हम बर्बाद``

तुम्हारें सामने आखिर भला हमारी है ही  क्या  औकात```

तुम जहाँ रहो```रहो तुम सदा आबाद```करेंगें खुदा से बस यही फ़रियाद```

एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ``` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

हसरतो में पड़ के हसरत अपनी मिटा बैठें थे`` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

पर अब हम अपने मोहब्बत को भुला बैठे हैं``सुख–चैन-नींद सब अपना वापस पा बैठें है```

खोया हुआ अपना``` अपना घाव लगा ही सही ``पर दिल अपना वो  वापस पा बैठे है```

पर ये नहीं भूलेंगे हम की`` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ``` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

उनके लिए खुद की हस्ती मिटा बैठे थे`` एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```एक बार मोहब्बत कर बैठें थें ```

~*~ @π!k€t_kum@₹_bhaarat ~*~

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